Mahakumbh Mela 2025: महाकुंभ मेला, भारत के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजनों में से एक, 13 जनवरी 2025 से प्रयागराज में शुरू होने वाला है।
इस बार महाकुंभ का आयोजन अत्यधिक भव्य और व्यवस्थित रूप से किया जा रहा है। आने वाले 45 दिनों में इस महाकुंभ में करीब 40 से 45 करोड़ तीर्थयात्रियों के शामिल होने की संभावना है। आइए जानते हैं महाकुंभ के बारे में कुछ खास बातें और इसकी तैयारियों के बारे में विस्तार से।
शाही स्नान: महाकुंभ का प्रमुख आकर्षण
महाकुंभ के दौरान शाही स्नान का दिन अत्यंत विशेष होता है। इस दिन कुंभ मेला में लाखों की संख्या में तीर्थयात्री त्रिवेणी संगम पर पवित्र डुबकी लगाने के लिए एकत्र होते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस समय स्नान करने से व्यक्ति के पाप मिट जाते हैं और पुण्य प्राप्त होता है। शाही स्नान, जिसमें साधु, संत और श्रद्धालु मिलकर पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं, महाकुंभ का मुख्य आकर्षण है।
Mahakumbh 2025 start date
महाकुंभ मेला Mon, 13 Jan, 2025 को शुरू हुआ है और Wed, 26 Feb, 2025 तक चलने वाला है।
महाकुंभ में इस बार का आयोजन
प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ केवल एक धार्मिक समागम नहीं है, बल्कि यह एक परिवर्तनकारी अनुभव है। आचार्य रामकिशोर तिवारी के अनुसार, “यह वह स्थान है जहां आस्था और ईश्वरत्व का मिलन होता है।”
56 वर्षीय तीर्थयात्री सुशीला देवी, जो कानपुर से आई हैं, ने कहा, “मैंने वर्षों से इस पवित्र क्षण का अनुभव करने के लिए इंतजार किया है। संगम के जल में उतरने का विचार ही मेरी आँखों में आँसू ला देता है।”
जूना अखाड़े के नागा साधु स्वामी ज्ञानानंद पुरी ने कहा, “शाही स्नान एक ऐसा समय है जब हम ईश्वर से उसके शुद्धतम रूप में जुड़ते हैं। हम इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाने के लिए महीनों तक ध्यान और उपवास करते हैं।”
शाही स्नान का धार्मिक महत्व
कुंभ की उत्पत्ति समुद्र मंथन की पौराणिक कथा में निहित है। इसके अनुसार, चार स्थानों – प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन पर दिव्य अमृत की बूँदें गिरी थीं। इन स्थानों को पवित्र माना जाता है और यहां स्नान करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और मोक्ष का मार्ग खुलता है। शाही स्नान के दौरान भगवा वस्त्र पहने और रुद्राक्ष की माला से सजे साधु त्रिशूल लेकर संगम की ओर बढ़ते हैं।
निरंजनी अखाड़े के महंत आनंद गिरि के अनुसार, “शाही स्नान आध्यात्मिक आनंद का क्षण है। यह आत्मा की शुद्धि और परमात्मा से जुड़ाव का प्रतीक है।”
महाकुंभ के लिए तैयारियां
महाकुंभ के आयोजन के लिए प्रयागराज में बड़े पैमाने पर तैयारियाँ की गई हैं। संगम के किनारे 4000 हेक्टेयर से अधिक भूमि को विशाल टेंट सिटी में तब्दील किया गया है, जिसमें लाखों तीर्थयात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है। इस टेंट सिटी में 150,000 टेंट्स हैं, जिसमें स्विस कॉटेज जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।
इन स्विस कॉटेज में एयर कंडीशनिंग और निजी शौचालय जैसी सुविधाएं भी दी गई हैं। टेंट सिटी के प्रोजेक्ट मैनेजर, करण कपूर ने कहा, “यह एक शहर के भीतर शहर है। हमने तीर्थयात्रियों के लिए उच्चतम सुविधाएं सुनिश्चित की हैं, जैसे 24/7 बिजली, स्वच्छ पेयजल और चिकित्सा सुविधाएं।”
सुरक्षा इंतजाम
महाकुंभ में सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। 40,000 से अधिक पुलिस कर्मी अर्धसैनिक बलों के साथ तैनात किए गए हैं। साथ ही, AI-सक्षम निगरानी प्रणाली और ड्रोन से इस विशाल मानव समागम पर निगरानी रखी जाएगी।
इसके अलावा, 30 पुलों का निर्माण किया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को घाटों तक पहुँचने में कोई समस्या न हो। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अरविंद शर्मा ने कहा, “हमारी व्यवस्थाएं पूरी तरह से सुरक्षित और व्यवस्थित हैं, ताकि कुंभ का अनुभव हर किसी के लिए सुखद हो।”
भारतीय रेलवे और परिवहन सुविधाएँ
महाकुंभ में आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए भारतीय रेलवे ने 98 विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की है। इसके अलावा, हज़ारों बसों का संचालन भी किया जाएगा। इसके साथ ही, पूरे शहर में चिकित्सा दल, आपातकालीन इकाइयाँ और स्वयंसेवक तैनात किए गए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
निष्कर्ष
महाकुंभ 2025 एक ऐतिहासिक और धर्मिक आयोजन है, जो भारत की आध्यात्मिक शक्ति और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बनकर उभर रहा है। इस आयोजन की भव्यता और तैयारी, इसे न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में एक अद्वितीय अनुभव बना देती है। Kumbh Mela 2025 के दौरान तीर्थयात्रियों को एक अद्वितीय अनुभव मिलने वाला है जो आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा।