Budget 2025 को लेकर किसानों में जबरदस्त उत्साह है। 1 फरवरी 2025 को पेश होने वाले केंद्रीय बजट से उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं, खासकर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना के लाभार्थियों के बीच।
चर्चाएं तेज हैं कि सरकार इस योजना के तहत मिलने वाली सालाना 6,000 रुपये की राशि को बढ़ाकर 10,000 रुपये कर सकती है। यह बजट मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट होगा, इसलिए इसकी अहमियत और भी बढ़ जाती है।
पीएम-किसान योजना: क्या है यह योजना?
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना 1 दिसंबर 2018 को शुरू की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इसके तहत हर साल किसानों को तीन किश्तों में कुल 6,000 रुपये दिए जाते हैं।
यह राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है। अब तक इस योजना के तहत 18 किश्तें दी जा चुकी हैं, और फरवरी 2025 में 19वीं किश्त मिलने की उम्मीद है।
पैसा बढ़ाने की जरूरत क्यों महसूस हो रही है?
किसानों और कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई और खेती के बढ़ते खर्चों को देखते हुए 6,000 रुपये की राशि अपर्याप्त है। बढ़ी हुई वित्तीय सहायता से किसान अपनी कृषि में बेहतर निवेश कर सकेंगे, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा। इसलिए, सरकार से उम्मीद है कि वह इस राशि को बढ़ाकर 10,000 रुपये करेगी।
बढ़ी हुई राशि से संभावित फायदे
अगर Budget 2025 में PM-Kisan योजना की राशि बढ़ाने का ऐलान होता है, तो इससे लाखों किसानों को सीधा लाभ होगा। अधिक वित्तीय सहायता से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि वे अपनी कृषि उत्पादकता भी बढ़ा पाएंगे। यह कदम कृषि क्षेत्र में सुधार लाने और किसानों की आय बढ़ाने के सरकार के लक्ष्य को भी पूरा करेगा।
बजट से किसानों की उम्मीदें
किसानों को उम्मीद है कि इस बजट में उनकी मांगों को प्राथमिकता मिलेगी। यदि सरकार 6,000 रुपये की राशि को बढ़ाकर 10,000 रुपये करती है, तो इससे ग्रामीण इलाकों में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और कृषि क्षेत्र में स्थिरता आएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इस ऐलान का लाखों किसानों की जिंदगी पर गहरा असर पड़ेगा।
निष्कर्ष
Budget 2025 में पीएम-किसान योजना के तहत मिलने वाली राशि में बढ़ोतरी का ऐलान किसानों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है। सरकार द्वारा इस पहल को लागू करने से न केवल किसानों की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा, बल्कि यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बनाएगा। किसानों की नजरें इस बजट पर टिकी हैं, और उन्हें उम्मीद है कि सरकार उनकी उम्मीदों पर खरी उतरेगी।