Union Budget 2025: नए टैक्स रिजीम को बढ़ावा देने के लिए बजट में ऐलान की उम्मीद, अब तक हुए हैं ये बदलाव

Union Budget 2025 आने में केवल एक महीने का समय है, और सरकार इस बार भी नए टैक्स रिजीम को बढ़ावा देने के लिए टैक्सपेयर्स को आकर्षक इंसेंटिव्स पेश कर सकती है। जुलाई में पेश किए गए पॉलिसी के बाद, आगामी बजट में NDA 3.0 सरकार के नए टैक्स फ्रेमवर्क को और प्रभावी बनाने के लिए कुछ और महत्वपूर्ण कदम उठाने की संभावना जताई जा रही है।

प्रधानमंत्री कार्यालय और प्रमुख अर्थशास्त्रियों के बीच हुई चर्चाओं में राजकोषीय उपायों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है, ताकि देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिल सके। इन चर्चाओं में इनकम टैक्स लायबिलिटी को कम करने से लेकर डेली एक्सपेंडिचर के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाने तक कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार किया गया है।

AY 2024-25 में 72% टैक्सपेयर्स ने अपनाया नया टैक्स रिजीम

नए टैक्स रिजीम में सुधार की उम्मीदें बढ़ी हैं, खासकर इस तथ्य को देखते हुए कि सरकार इसे और अधिक टैक्सपेयर्स के अनुकूल बनाने की कोशिश कर रही है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, असेसमेंट ईयर 2024-25 में 7.28 करोड़ टैक्सपेयर्स में से लगभग 72% ने नए टैक्स रिजीम को अपनाया। इन आंकड़ों के मुताबिक, 31 जुलाई 2024 तक की डेडलाइन से पहले यह अनुपात हुआ था। इसके विपरीत, केवल 28% टैक्सपेयर्स ने पुराने टैक्स रिजीम को चुना। इस प्रकार के बदलावों के चलते यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले वक्त में पुराने टैक्स रिजीम के तहत दाखिल ITR का अनुपात और भी कम हो सकता है।

नए टैक्स रिजीम का ऐलान पहली बार 2020 में किया गया था

वित्त मंत्री सीतारमण ने पहली बार 1 फरवरी 2020 को अपने बजट भाषण में नया टैक्स रिजीम पेश किया था। यह टैक्स सिस्टम पर्सनल इनकम टैक्स के लिए एक सस्ती और सिम्प्लिफाइड अल्टरनेटिव ऑप्शन के रूप में प्रस्तुत किया गया था। इस नए टैक्स रिजीम का उद्देश्य टैक्स स्लैब को सरल बनाना था, लेकिन इसमें कुछ कटौती और छूटों को छोड़ना जरूरी था।

सीतारमण ने कहा था कि पुराने टैक्स सिस्टम की जटिलताओं के कारण टैक्सपेयर्स के लिए कई समस्याएं उत्पन्न होती थीं, और उन्हें प्रोफेशनल मदद की आवश्यकता होती थी। नए टैक्स सिस्टम को अपनाने से टैक्सपेयर्स को खासा लाभ होता, और उदाहरण स्वरूप उन्होंने 15 लाख रुपये की सालाना आय वाले व्यक्ति के लिए नया टैक्स सिस्टम समझाया। इस व्यक्ति को बिना किसी डिडक्शन के केवल 1.95 लाख रुपये का भुगतान करना होगा, जबकि पुराने सिस्टम के तहत उसे 2.73 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ता।

बजट 2020 में नए टैक्स रिजीम के स्लैब

टैक्सेबल इनकम स्लैब (Rs)टैक्स रेट्स
0-2.5 लाख0%
2.5-5 लाख5%
5-7.5 लाख10%
7.5-10 लाख15%
10-12.5 लाख20%
12.5-15 लाख25%
15 लाख से ऊपर30%

Union Budget 2021, 2022, 2023 और 2024 में हुए बदलाव

बजट 2021 में टैक्स रेट्स में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया था, जबकि 2022 के बजट में नए टैक्स रिजीम को और आकर्षक बनाने के लिए स्लैब दरों में सुधार किया गया था। बजट 2023 में यह साफ किया गया कि नया टैक्स रिजीम डिफॉल्ट ऑप्शन बनेगा और इसे और ज्यादा टैक्सपेयर्स के अनुकूल बनाने के लिए कुछ और कदम उठाए जाएंगे।

बजट 2024 में सैलरीड कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए नए टैक्स रिजीम को और आकर्षक बनाया गया। टैक्स स्लैब्स में बदलाव के साथ-साथ, पेंशनर्स और फैमिली पेंशन के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को भी बढ़ाया गया।

Budget 2024 में नए टैक्स रिजीम स्लैब

टैक्सेबल इनकम स्लैब (Rs)टैक्स रेट
0-3 लाखशून्य
3-7 लाख5%
7-10 लाख10%
10-12 लाख15%
12-15 लाख20%
15 लाख से ऊपर30%

नए टैक्स रिजीम के तहत, प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी अब नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में अपने वेतन का 14% तक डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। इसके अलावा, फैमिली पेंशन के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट को 25,000 रुपये तक बढ़ाया गया है।

आने वाले बजट 2025 में इन टैक्स स्लैब्स और इंसेंटिव्स में और भी बदलाव हो सकते हैं, जो अधिक टैक्सपेयर्स को आकर्षित करेंगे और देश की आर्थिक स्थिति को और मजबूत बनाएंगे।

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